वर्ष 2018-19 के दौरान पंचायती राज मंत्रालय के क्षमता निर्माण प्रभाग द्वारा आयोजित कार्यशालाएं
पंचायतों के माध्यम से आय में वृद्धि एवं आर्थिक विकास पर आधारित परियोजना के घटक के बारे में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ परामर्श के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान और पंचायती राज (एनआईआरडी एंड पीआर), हैदराबाद के समन्वयन में 28-29 जनवरी, 2019 को बेंगलुरु में एक राष्ट्रीय स्तर की परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में संबंधित विषयों के विशेषज्ञों, ग्रामीण विकास मंत्रालय, जनजातीय मामलों, कृषि, एमएसएमई आदि के प्रतिनिधियों, चुने गए सरपंचों और 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला ने संविधान के अनुच्छेद 243 छ की भावना के अनुरूप प्रस्तावों को तैयार करने से संबंधित सभी पहलुओं को क्रिस्टलीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए मंच प्रदान किया।
संयुक्त राष्ट्र महिला और एनआईआरडी एंड पीआर के सहयोग से पीआरआई के निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (ईडब्ल्यूआर) का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 18 और 19 जनवरी, 2019 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किया गया था। माननीय पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सम्मे लन का उद्घाटन किया। सम्मे लन में ईडब्यू क आर, पीआरआई और जेंडर उत्तरदायी शासन के मुद्दों के लिए एमओपीआर, संयुक्त राष्ट्र महिला और एनआईआरडी की प्रभावी क्षमता निर्माण पहलों पर चर्चा की गई । सत्र एसएचजी- पीआरर्आई के अभिसरण लैंगिक विश्लेषण और मेनस्ट्रीमिंग, जेंडर बजटन, ईडब्यूत आर की क्षमता निर्माण और ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक विकास हेतु आजीविका सृजित करने पर केंद्रित रहा।
ग्वालियर, मध्य प्रदेश में 26 फरवरी और 27 फरवरी, 2019 के दौरान यूनिसेफ कंट्री ऑफिस, नई दिल्ली के सहयोग से एमओपीआर और एनआईआरडी एंड पीआर, हैदराबाद द्वारा संयुक्त रूप से “बाल हितैषी पंचायतों”पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन माननीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ग्रामीण विकास, पंचायती राज, संसदीय मामलों और खान द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में विभिन्न कार्यकर्ताओं को एक साथ लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है ताकि यह समझाया जा सके कि स्थानीय सरकारें बच्चों के लिए विकास के एजेंडे को कैसे सुदृढ़ कर सकती हैं। अन्य प्रतिभागियों के अलावा, लगभग 180 सरपंचों, पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और आठ राज्यों केरल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और गुजरात के अधिकारियों ने भी कार्यशाला में भाग लिया और बाल हितैषी पंचायतों के साथ ग्राम पंचायतों के विषय पर अपने अनुभव साझा किए।
संरचित ढंग से वर्ष 2019-20 के लिए व्याहपक जीपीडीपी तैयार करने के लिए ग्राम पंचायतों को सक्षम बनाने हेतु सरकार ने ‘सबकी योजना, सबका विकास’ के रूप में 2 अक्टू बर, 2018 से 31 दिसंबर, 2018 तक जन योजना अभियान का शुभारंभ किया है। इस अभियान के दौरान संविधान की 11 वीं सूची में सूचीबद्ध 29 विषयों से संबंधित सभी विभागों की अग्रिम पंक्ति के अधिकारियों को अपने विभागों की गतिविधियों की प्रस्तु2ति देने की परिकल्पंना की गई थी। अभियान के हिस्से के रूप में, पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) ने अभियान के शुभारंभ और प्रगति की निगरानी सहित सभी हितधारकों और राज्यों के पीआर विभागों को हैंडहोल्डिंग सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाओं की एक श्रृंखला का आयोजन किया। जन योजना अभियान के तहत आयोजित कार्यशालाओं का विवरण नीचे दिया गया है:
. पंचायती राज मंत्रालय ने एनआईआरडी एवं पीआर के समन्वयन में, 28 अगस्त को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें जन योजना अभियान के संबंध में (i) पीआरआई-एसएचजी अभिसरण (ii) सुविधाप्रदाताओं के प्रशिक्षण से संबंधित जानकारी साझा की गई। कार्यशाला में प्रतिभागियों में पंचायती राज विभाग के अधिकारी तथा संकाय सदस्य और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण विकास संस्थान शामिल हुए।
. राष्ट्रीय स्तर के संसाधन व्यक्तियों के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की प्रशिक्षण कार्यशाला 6-7 सितंबर, 2018 को एनआईआरडी एवं पीआर, हैदराबाद में आयोजित की गई थी। उक्त राष्ट्रीय कार्यशाला में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया, जिनमें अनुसूची VI क्षेत्रों के लोग भी शामिल हैं, जहां कोई पंचायतें नहीं हैं। राष्ट्रीय कार्यशाला बहुत सफल रही, और अभियान के प्रभावी और सफल रोल के लिए सोपानी (कैस्केडिंग) मोड में सुविधा, पीआरआई कार्यकारियों, संबंधित विभागों के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, एसएचजी अधिकारियों ने आगे प्रशिक्षण के उद्देश्य को प्राप्त किया। राज्यों द्वारा जीपीडीपी अभियान के लिए प्रारंभिक गतिविधियों के बारे में एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई ।
. एनआईआरडी एवं पीआर – पूर्वोत्तूर क्षेत्रीय केन्द्रक (एनईआरसी) गुवाहाटी में 18 -19 सितंबर 2018 के दौरान गैर-भाग IX क्षेत्रों से संबंधित जन अभियान योजना से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए सभी उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। । इसने पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेषकर गैर भाग IX क्षेत्रों को पूर्वोत्तंर क्षेत्र में जन अभियान योजना के विभिन्न पहलुओं से संबंधित गतिविधियों को मजबूत बनाने में सुविधा प्रदान की। कार्यशाला के भाग के रूप में राज्यों की तैयारियों की समीक्षा भी की गई।
.पेसा के तहत राज्यों को उन्मुख करने के महत्व को ध्यान में रखते हुए, व्यापक और समग्र जीपीडीपी की तैयारी के लिए, पेसा राज्यों में जीपीडीपी के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन पर दो दिवसीय विशेष कार्यशाला एनआईआरडी एवं पीआर, हैदराबाद में 2 और 3 नवंबर, 2018 को आयोजित की गई थी, जिसमें 10 पेसा राज्य (आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना) ने भाग लिया। समग्र योजना तैयार करने के लिए अभिसरण और सामूहिक कार्रवाई लाने के लिए, कार्यशाला में चर्चा के लिए पेसा क्षेत्रों में काम करने वाले निम्नलिखित संस्थानों को भी आमंत्रित किया गया था:
जनजातीय सहकारी विपणन संघ (ट्राईफेड), जनजातीय कार्य मंत्रालय
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय
राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान ( एमएएनएजीई), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
कुदुम्बश्री-राष्ट्रीय संसाधन संगठन
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), एमएसएमई मंत्रालय
विपणन और निरीक्षण निदेशालय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
केंद्रीय रेशम बोर्ड, कपड़ा मंत्रालय
हिमालयी क्षेत्र के राज्य (अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, सिक्किम और उत्तराखंड) के दुर्गम भूभाग, मौसम की स्थिति, छितरी हुई बस्तियों और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के कारण विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में समग्र ग्रामीण विकास केवल इस क्षेत्र में अनुसंधान संस्थानों और विभिन्न संगठनों सहित सभी हितधारकों को शामिल करके और योजना प्रक्रिया में अभिसरण तरीके से योजना को लागू करके प्राप्त किया जा सकता है। उनके इनपुट और समर्थन सार्थक ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने में एक लंबा रास्ता तय कर सकते हैं। इन राज्यों में सभी हितधारकों को एक साथ लाने और ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी की तैयारी में अभिसरण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, हिमालयी राज्यों में जीपीडीपी के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन पर दो इन पांच हिमालयी राज्यों के प्रतिभागियों को शामिल कर 11 और 12 नवंबर 2018 को शिमला में दो दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पंचायती राज मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और उपर्युक्त पांच राज्यों के अलावा, हिमालयी राज्यों में काम करने वाले निम्नलिखित संगठनों और अनुसंधान संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया:
प्रगति की समीक्षा करने के उद्देश्य से और पूर्वोत्तूर के राज्यों के संबंध में जन योजना अभियान से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक दो दिवसीय समीक्षा-सह-हैंडहोल्डिंग कार्यशाला का 16-17 नवंबर, 2018 के दौरान एनआईआरडी और पीआर, एनईआरसी, गुवाहाटी में आयोजित किया गया।
सिंधु -गंगा के मैदानों (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल) में राज्यों के लिए जीपीडीपी के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन पर कार्यशाला का आयोजन 7-8 दिसंबर, 2018 के दौरान लखनऊ, उत्तर प्रदेश में किया गया था। इन पांच राज्यों के प्रतिनिधियों के अलावा,मंत्रालयों / संस्थाऔनों सहित कार्यशाला में कृषि / किसान कल्याण मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओएफएफ और सीसी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) , नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन मैनेजमेंट (एमएएनएजीई), हैदराबाद, नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फार्मिंग, गाजियाबाद, आईसीएआर - इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पल्सेस रिसर्च, कानपुर, सीएसआईआर सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमेटिक प्लांट्स ( सीआईएमएपी), लखनऊ, आईसीएआर - इंडियन वेटरीनरी अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), इज्जत नगर, यूपी, आईसीएआर-केन्द्री य बकरी अनुसंधान संस्थाशन, मथुरा, सेंट्रल पल्प एंड पेपर रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपीपीआरआई), सहारनपुर, आईसीएआर- नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज, लखनऊ, राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ इंडिया लिमिटेड (एनएएफईडी), केवीआईसी, लखनऊ कार्यालय, कुदुम्बश्री-एनआरओ, यूनिसेफ - भारत और संयुक्त राष्ट्र महिला जैसे संस्थाऊनों ने भाग भी लिया।